Ghungroo

क्यूँ लम्हें खराब करें?
आ, ग़लती बेहिसाब करें
दो पल की जो नींद उड़ी
आ, पूरे सारे ख़्वाब करें

क्या करने हैंं उमरों के वादे?
ये जो रहते हैं, रहने दे आधे
दो बार नहीं, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी

सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंघरू टूट गए, के घुंघरू टूट गए

छोड़ के सारी शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंघरू टूट गए, के घुंघरू टूट गए
के घुंघरू टूट गए, के घुंघरू टूट गए

के घुंघरू टूट गए, के घुंघरू टूट गए
के घुंघरू टूट गए, के घुंघरू टूट गए
हाँ, घुंघरू टूट गए, हाँ, घुंघरू टूट गए



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Shekhar Ravjiani, Pal Rakesh
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