Commentry

हमारा देश धार्मिक मान्यताओं का प्रतीक है
हर धर्म, हर मज़हब के लोग आज़ादी से जीते हैं
धर्म कोई भी हो, हर धर्म प्यार से रहना सिखाता है
मिलके जीना सिखाता है

श्रद्धा-भावना, हमारी जीवनशैली के दो अटूट अंग हैं
हम जैसे भी जीएँ, भक्ति-पूजा एक निश्चित व्यवहार है
विशेषकर हमारे यहाँ की नारियाँ अत्यधिक श्रद्धा-भक्ति से परिपूर्ण हैं

नारी भक्ति का प्रतीक है, नारी शक्ति का प्रतीक है
नारी जब माँ बनकर पूजा शुरू करती है तो भावना का संचार होता है
नारी जब बेटी बन दीप जलाती है तो प्रसन्नताएँ एकत्रित होती हैं
और नारी जब पत्नी बन अपने पति के प्रति पूर्ण समर्पित होती है
तो उसकी पूजा-प्रार्थना की परिपूर्णता जीवन को नए आयाम देती है

पति के प्रति स्नेह भाव, प्रेम भाव, आदर भाव
और ईश्वर भाव का ही प्रतीक है करवा चौथ का व्रत
भारत की हर नारी का एकमात्र आवश्यक व्रत
इस दिन पत्नी व्रत या उपवास कर
पूरे दिन निर्जल रहकर अपने पति के दीर्घायु होने की कामना करती है
पति के चरणों में शीश नवाकर धन्य-धन्य हो जाती है
परिवार के कल्याण की प्रार्थना करती है
और सारा जीवन पतिमय होने की प्रेरणा ग्रहण करती है

करवा चौथ का व्रत यानी पति के प्रति पत्नी के सर्वश्रेष्ठ समर्पण का व्रत



Credits
Writer(s): Rajesh Johri, Pradyuman Sharma
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