Barsaat

आओ ना यूँ ही मिलने, "कैसे हैं?" पूछो ना हमसे
आँखें तुमको ढूँढे हरदम, हरदम, हरदम
बैठें है कब से हम गुमसुम, प्यार के वो सारे मौसम
तेरे संग जीने थे वो पल, वो पल, वो पल

मुलाक़ात होगी, क्या पता!
या मैं जी रहा हूँ बेवजह?
क्या ये वफ़ा काम आएगी एक दिन?

तू आस-पास मेरे है ना? सच बता
बरसात हो रही है फिर यहाँ
जो तू ना कह सका, सावन कह रहा
बरसात हो रही है फिर यहाँ

करती हवाएँ हैं जो गुफ़्तगू
कोई ना जाने सिर्फ मैं सुनूँ
फिर आज ये एहसास हुआ
हो जैसे तूने याद किया

ये भीगी-भीगी शामें यहाँ तुम्हारे बिना
है बैठी हुई तनहा

तू आस-पास मेरे है ना? सच बता
बरसात हो रही है फिर यहाँ
जो तू ना कह सका, सावन कह रहा
बरसात हो रही है फिर यहाँ

(तू आस-पास मेरे है ना? सच बता)
(तू आस-पास मेरे है ना? सच बता)

कल जहाँ हम मिले थेे
हूँ वहाँ अब तक ठहरा
दूरियों को मिटा ज़रा
तेरा इश्क़ तू निभा ज़रा

मुलाक़ात होगी, क्या पता!
या मैं जी रहा हूँ बेवजह?
क्या ये वफ़ा काम आएगी एक दिन?

तू आस-पास मेरे है ना? सच बता
बरसात हो रही है फिर यहाँ
जो तू ना कह सका, सावन कह रहा
बरसात हो रही है फिर यहाँ

(तू आस-पास मेरे है ना? सच बता)
(तू आस-पास मेरे है ना? सच बता)



Credits
Writer(s): Arjun Kanungo, Kunaal Vermaa
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