Hunkara

हो, गिरा धड़क, धड़क, धड़क
उठा दमक, दमक, दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

Hmm, इस जंगल में शेर कभी एक ज़बरदस्त चिंघाड़ा था
हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
वो मस्त आसमाँ ऊँचा चूमे, जबर-जबर हुँकारा था

हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

गले में उसके नहीं थी माला
सर पे कोई ताज नहीं
लेकिन मिज़ाज था ऐसा उसका
जंगल का सरताज वही

गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

कि आया उढ़ा के सर पे कफ़न
करेगा ग़मों को ज़िंदा दफ़न
कि बन के बली क़हर की
ज़मीं को देगा शिफ़ा ये बनके मरहम

हर चूहे, गीदड़, लोमड़ी
जंगली सांड की बारी आएगी, आएगी, आएगी
जो सीधे टकराए तो बोलूँ
मौत भी प्यारी आएगी, आएगी, आएगी

कि हर एक दिशा बारूद उड़ाता फिरते-फिरते जाएगा
फिर ताल ठोक बिजली आए तो बिजली से टकराएगा

गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

हो, गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा
गिरा धड़क-धड़क, उठा दमक-दमक
देखो चमक, चमक ये तारा

आसमाँ के पार चला
चीख के ये यलगार चला
आगे बढ़ते हर दुश्मन को
चीर के ये हथियार चला

ख़ंजर है पीठ में गहरा
घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो
कहलाए वो Shamshera (Shamshera)

ख़ंजर है पीठ में गहरा
घना चाहे अँधेरा
फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो
कहलाए वो Shamshera

कि आया ओढ़ा के सर पे कफ़न
करेगा ग़मों को ज़िंदा दफ़न
कि बन के बली क़हर की
ज़मीं को देगा शिफ़ा ये बनके मरहम



Credits
Writer(s): Piyush Mishra, Mithun Sharma
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