Parinda

तू सहमेगा, हाँ, बिखरेगा
फिर सिमटेगा, तब निखरेगा
तू वो परिंदा जो फिर उड़ेगा

आसमाँ है तेरा, बाँध ले हौसला
चल क़दम तो बढ़ा, है आख़िरी सामना
तेरे जिस्म का लहू बहना तो बाक़ी है
मर भी गए तो क्या हुआ, मिटना तो बाक़ी है

तू सहमेगा, हाँ, बिखरेगा
फिर सिमटेगा, तब निखरेगा
तू वो परिंदा जो फिर उड़ेगा
जो फिर उड़ेगा

तू फिर उड़ेगा, तू फिर उड़ेगा

ਬੰਦਿਆ, ਬੰਦਿਆ
जो इस राह गरजते हैं
नहीं जीते वो पहेली में
जिस तन प्रीत मरण-मिटने की
वो सिर को रखे हथेली में

तेरा जिस्म समुंदर पी आया
तू पाताल के अंदर जी आया
तेरा नाम कलंदर कहलाया
कि तू जी आया, तू जी आया

तेरा जोश बवंडर सा छाया
तेरा हाथ पैग़म्बर का साया
तेरा नाम कलंदर कहलाया
कि तू जी आया, तू जी आया

तेरे जिस्म का लहू बहना तो बाक़ी है
मर भी गए तो क्या हुआ, मिटना तो बाक़ी है
मिटना तो बाक़ी है

(तू सहमेगा) तू सहमेगा
(हाँ, बिखरेगा) तू बिखरेगा
(फिर सुलगेगा) फिर सुलगेगा
(तब निखरेगा) तब निखरेगा

तू वो परिंदा (जो फिर उड़ेगा)
तू फिर उड़ेगा (जो फिर उड़ेगा)
तू फिर उड़ेगा (जो फिर उड़ेगा)
तू फिर उड़ेगा, तू फिर उड़ेगा



Credits
Writer(s): Karan Malhotra, Mithun Sharma
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