Tera Mera Rishta - From "Kaagaz 2"

तेरा-मेरा, मेरा-तेरा रिश्ता है
या है कोई जादू?
जितना मैं तुझ से दूर रहा
उतना ही पास है तू

दुनिया में बहुत से रिश्ते हैं
पर सब से ख़ास है तू
जितना मैं तुझ से दूर रहा
उतना ही पास है तू

मेरी ज़िंदगी में आया (आया)
लेकर नई सुबह तू
जुदा नहीं होना कभी
रहना तू बन के ख़ुशबू, ख़ुशबू

अभी तो ये मौसम बदला है
मौसम के रंग हैं तू
जितना मैं तुझ से दूर रहा
उतना ही पास है तू

जो भी था, उसे भुला दे
आजा, सारे ग़म मिटा दे, लग जा तू गले
सोचा जो, नहीं वो हुआ
पूरी हुई हर दुआ, हम-तुम फिर मिले

ख़ुशियों-भरा हो आगे अपना सफ़र
जितनी बची है ये उमर
जाए तो रहे नहीं कोई भी फ़िकर
मेरी ज़िंदगी जिए तू, हाँ, तू

तेरा-मेरा, मेरा-तेरा रिश्ता है
या है कोई जादू?
जितना मैं तुझ से दूर रहा
उतना ही पास है तू

तेरी-मेरी ये कहानी
थोड़ा सा आँखों में पानी, फिर भी है ख़ुशी
तेरे बिना ज़िंदगानी
तेरे जैसी ही बितानी तेरे बाद भी

ये सफ़र ले जाए कहाँ, कुछ ना ख़बर
मुझ पे रहे तेरी नज़र
मंज़िल की मुझे अब नहीं है फ़िकर
मेरे साथ-साथ है तू, हाँ, तू

तेरा-मेरा, मेरा-तेरा रिश्ता है
या है कोई जादू?
जितना मैं तुझ से दूर रहा
उतना ही पास है तू



Credits
Writer(s): Uves Akram, Rashmi Virag, Sharib Sabri
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