Aaj Garda Macha - Thali Version - From "Kaagaz 2"

आजा-आजा मेरे यार सोए दिल को जगा
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा
सुन होने दे ज़रा आज ਤੀਰ ਕਟੜਾ
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा

हाँ, बाँध कर के तार से है आकाश गिराना रे
ज़िद अगर है चाँद की, चाँद भी लाना रे

आजा-आजा मेरे यार सोए दिल को जगा
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा
सुन होने दे ज़रा आज ਤੀਰ ਕਟੜਾ
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा

हो, जो रस्ते बंद हैं, जबरन खोल ज़रा (ਸੁਣ ਯਾਰਾ, ਹੁੱ ਯਾਰਾ, ਰੇ ਯਾਰਾ)
जी ले तू ਜਿੰਦੜੀ सिमरन भोग ज़रा
मछली की आँख में तू तीर मार दे
जो मयान में रखी, चल निकाल, शमशीर मार दे

हो, खींच लंबी साँस, लगा पुर-ज़ोर निशाना रे
ज़िद अगर है चाँद की, चाँद भी लाना रे

आजा-आजा मेरे यार सोए दिल को जगा
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा
सुन होने दे ज़रा आज ਤੀਰ ਕਟੜਾ
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा

हो, कुछ-ना-कुछ तो अब कर के दिखलाना (ਸੁਣ ਯਾਰਾ, ਹੁੱ ਯਾਰਾ, ਰੇ ਯਾਰਾ)
जितना हो ऊँचा पर्वत चढ़ जाना
इस चक्रव्यूह को तू आज तोड़ दे
दुनिया हिला के रख दे तू ऐसी हुँकार छोड़ दे

हो, एक से ना होगा रे, संग-संग ज़ोर लगाना रे
ज़िद अगर है चाँद की, चाँद भी लाना रे

आजा-आजा मेरे यार सोए दिल को जगा
आज गरदा मचा, चल गरदा मचा
सुन होने दे ज़रा आज ਤੀਰ ਕਟੜਾ
(आज गरदा मचा, चल गरदा मचा)

ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਮੇਰੇ ਯਾਰਾ
ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ, ਸੁਣ ਯਾਰਾ (ए चल, आजा, मेरे यारा)
ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਮੇਰੇ ਯਾਰਾ
ਓ ਵੇ ਯਾਰਾ, ਓ ਵੇ, ਸੁਣ ਯਾਰਾ (दिल को जगा, सोए दिल को जगा)



Credits
Writer(s): Uves Akram, Rashmi Virag, Sharib Sabri
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