Tere Liye

तेरे लिए मेरे जो कदम दो
आगे बड़े तेरी तरफ तो
तूने फेरा चेहरा तेरे पैर पीछे
चल दिए
चल दिए मेरे पैर पीछे
देखा तुझे जो यूँही हँसते
तू सौ सौ बारी खुद ही को सुलाले
बुन लिए
मनाती राह जहां
अब तो है बस धुआं धुआं
मेरा भी तो गीला कहाँ है आसमान
ज़मीन से तारो पर तेरा मेरा शहर
हाथ मेरा पकड़
खोया मेरा हाथ है
खोने से क्या है डर ये भी तो है सफर
हाथ मेरा पकड़
मेरी तो बस रात है

मेरे लिए तू तो है अभी भी
कहानी उस बचपन की
सजा के रखा है खिलौना तेरा
सदा के लिए
सदा के लिए लगता है भारी
क्या मैं करूँ की ये है बीमारी
फिर भी तेरी आँखें इस दिल में है झांके
धीरे धीरे

धीरे धीरे मेरा जहां है ये अब सूना सूना
मेरा भी तो है थका कारवां
ज़मीन से तारो पर तेरा मेरा शहर
हाथ मेरा पकड़
खोया मेरा हाथ है
खोने से क्या है डर ये भी तो है सफर
हाथ मेरा पकड़
मेरी तो बस रात है
ज़मीन से तारो पर तेरा मेरा शहर
हाथ मेरा पकड़
खोया मेरा हाथ है
खोने से क्या है दर ये भी तो है सफर
हाथ मेरा पकड़
मेरी तो बस रात है

तेरे लिए मैंने दो कदम जो
रख लिए तेरी तरफ तो
तू आये या ना आये
मैने ये बाहें खोल दी है



Credits
Writer(s): Karan Kulkarni, Shantanu Ghatak
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