Munasib - From "Bamfaad"

दिल ज़रा-ज़रा है भरा-भरा
हो रहा है क्या? क्या पता
ये ज़मीं लगे आसमाँ हुई
जादू क्या है ये? क्या पता

ऐसे तो कोई ख़ास बात है नहीं
तू है तो ज़िन्दगी ये क़ीमती लगे
मिला तू लगा ये, हाए

मुनासिब है इश्क़ का हो जाना
मुनासिब है इश्क़ का हो जाना

ये लो जवाब
Height तो अच्छी है तुम्हारी
फिर सब "नाटे, नाटे" क्यूँ कहते हैं?
१०वी तक बढ़ नहीं रहे थे
फिर एक दम से बढ़ी हुई
तब तक लौंडें बुलाना चालु कर दिए थे

बात पूछे? यार, तुम अकेली रहती हो
वो सनमवा तुम को "जिमीकंद" बुलाता है
तुम हो कौन? हाँ?
नीलम, नीलम, जानना ज़रूरी है?
कुछ नहीं जानना-वानना, hm

क्या ग़लत है? क्या सही है? दिल ये जानता नहीं है
एक धुन चढ़ी जा रही
हसरतें ये बाँवली सी, सोचती नहीं है कुछ भी
तुझ तक बढ़ी जा रही

तू मुझे जो आँख-आँख भर के देखें
सब सही लगे, मिला तू लगा ये, हाए

मुनासिब है इश्क़ का हो जाना



Credits
Writer(s): Raj Shekhar, Vishal Mishra
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