Sharbat E Mohabbat

शर्बत-ए-मोहब्बत
शर्बत-ए-मोहब्बत

रातें जवाँ हैं
मैं भी यहाँ पर हूँ, संग तू भी मेरे यहाँ है
लगता है होना कोई ना कोई तो गुनाह है
साँसों में साँसें दोनों की ही हुईं फ़ना हैं

शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ
शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ

(शर्बत-ए-मोह...)
(शर्बत-ए-मोह...)

मैं और तू, दोनों बेफ़िकर (असंभव)
ऐसे कि कोई ना हो ख़बर (कोई ख़बर ना हो)
रात की चाँदनी ऐसी खिली
हम ना ढूँढें कोई अब फ़जर (अब फ़जर)

ऐसा मज़ा है
दिल की लगी में हम दोनों ही खोए कहाँ हैं?
ना मालूम तुझे और ना मालूम, बस हम-तुम यहाँ हैं
मिल जाए मुक़म्मल सा वैसा ही इश्क़-ए-मुक़ाम है

शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ
शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ

बने हम दो जिस्म एक जाँ
तेरी-मेरी कहानी को मोहब्बत दिया नाम
बस तूने ही सुनी इस मोहब्बत की ज़ुबाँ
वर्ना ये जो थी मोहब्बत, थी मोहब्बत से अंजान

मोहब्बत, मोहब्बत, मोहब्बत की बाँहों में
आराम, सुकून-भरी शाम
आशिक़ का बस इश्क़ ही मुक़ाम
मिला तो मिली राहत, ना मिली तो मलाल

ग़मों का मर्ज़ थी शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से बोलो सब, आँखों से कहो मत
दूर मुझसे रहो मत, प्यार तो करो ना
शर्बत-ए-मोहब्बत, glass मेरा भरो ना

हम पूरे नहीं तेरे बिन, आसमाँ के तारों बिन
तेरे बिन कहीं दिल नहीं टिकता
मुश्किल बड़ा प्यार की कहानी लिखना
जैसे पानी पे पानी से पानी लिखना

रातें जवाँ हैं
मैं भी यहाँ पर हूँ, संग तू भी मेरे यहाँ है
लगता है होना कोई ना कोई तो गुनाह है
साँसों में साँसें दोनों की ही हुईं फ़ना हैं

शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ
शर्बत-ए-मोहब्बत
होंठों से तेरे पी लूँ, पी लूँ

(शर्बत-ए-, होंठों से तेरे...)
(शर्बत-ए-, होंठों से तेरे...)
शर्बत-ए-मोहब्बत



Credits
Writer(s): Ankit Singh Patyal, Sanjoy Deb
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