Na Door Hai Na Paas Hai

जाने क्यूँ रुकती नहीं ये बारिशें

जाने क्यूँ रुकती नहीं ये बारिशें
जाने क्यूँ बुझती नहीं ये आतिशें

हो, दिल का सवाल ही जाने नहीं
क्यूँ मेरा साही माने नहीं?
दर्द-ए-दुआ से अब दिल मेरा उठ गया, उठ गया

ना दूर है, ना पास है, एक बे-सफ़र एहसास है
जाने क्यूँ डूबी दिल की कश्तियाँ
ना दूर है, ना पास है, एक बे-सबर सी प्यास है
जाने क्यूँ डूबी दिल की कश्तियाँ

Mmm, मुझको है तेरा यक़ीं
क्यूँ तुझको मेरा नहीं? साही, ये बता
कहते हैं, "तू रू-ब-रू"
दिखता नहीं फिर भी क्यूँ? मुझको तू बता

आजा उतर के नीचे ज़रा
एक बार मुझसे नज़रें मिला
ख़ामोश दिल की तू भी सदा सुन ज़रा, सुन ज़रा

ना दूर है, ना पास है, एक बे-सफ़र एहसास है
जाने क्यूँ डूबी दिल की कश्तियाँ
ना दूर है, ना पास है, एक बे-सबर सी प्यास है
जाने क्यूँ डूबी दिल की कश्तियाँ



Credits
Writer(s): Pritam
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