Dekha Hazaro Dafaa

देखा हज़ारों दफ़ा आप को
फिर बेक़रारी कैसी है
सँभाले सँभलता नहीं ये दिल
कुछ आप में बात ऐसी है

लेकर इजाज़त अब आप से
साँसें ये आती-जाती हैं
ढूँढे से मिलते नहीं हैं हम
बस आप ही आप बाक़ी हैं

पल-भर ना दूरी सहें आप से
बेताबियाँ ये कुछ और हैं
हम दूर होके भी पास हैं
नज़दीकियाँ ये कुछ और हैं

देखा हज़ारों दफ़ा आप को
फिर बेक़रारी कैसी है
सँभाले सँभलता नहीं ये दिल
कुछ प्यार में बात ऐसी है

आग़ोश में हैं जो आप की
ऐसा सुकूँ और पाएँ कहाँ?
आँखें हमें ये रास आ गईं
अब हम यहाँ से जाएँ कहाँ?

देखा हज़ारों दफ़ा आप को
फिर बेक़रारी कैसी है
सँभाले सँभलता नहीं ये दिल
कुछ प्यार में बात ऐसी है

फिर बेक़रारी कैसी है
कुछ प्यार में बात ऐसी है



Credits
Writer(s): Jeet Gannguli, Manoj Muntashir Shukla
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