Udd Jaa Kaale Kaava - Palak Muchhal

ਉੜ ਜਾ, ਕਾਲੇ ਕਾਂਵਾਂ, ਤੇਰੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਖੰਡ ਪਾਵਾਂ
ਉੜ ਜਾ, ਕਾਲੇ ਕਾਂਵਾਂ, ਤੇਰੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਖੰਡ ਪਾਵਾਂ
ਲੇ ਜਾ ਤੂੰ ਸੰਦੇਸਾ ਮੇਰਾ, ਮੈਂ ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ

बाग़ों में फिर झूले पड़ गए, ਪੱਕ ਗਈਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਅੰਬੀਆਂ
ये छोटी सी ज़िंदगी, ਤੇ ਰਾਤਾਂ ਲੰਬੀਆਂ-ਲੰਬੀਆਂ

ओ, घर आजा, परदेसी, कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी
ओ, घर आजा, परदेसी, कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी

छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
हो, छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अखियाँ रस्ता देखें बिछड़े मीतों का

सारी-सारी रात जगाएँ मुझको तेरी यादें
मेरे सारे गीत बने मेरे दिल की फ़रियादें

ओ, घर आजा, परदेसी, कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी
ओ, घर आजा, परदेसी, कि तेरी-मेरी एक जिंदड़ी



Credits
Writer(s): Uttam Singh, Mithoon, And Bakshi
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