Oblivescence

Even when my vision fades to black
Its all I see
The moment when i lost control
In all my ecstasies
Running forever but
Never goin all the way
The moment when i lose control
Oblivescence is where it will end
Even when my vision fades to black
Its all I see
The moment when i lost control
In all my ecstasies
Running forever but
Never goin all the way
The moment when i lose control
Oblivescence is where it will end

उनकी यादों में मैं ख़ुद को भूल आया
उनकी यादों में मैं ख़ुद को भूल आया
जितनी बार भी गया, फ़िज़ूल आया
जितनी बार भी गया, फ़िज़ूल आया
याद-ए-बाग़ में ख़ुशबू फैल सी गई
हर पन्ने में जब एक फूल आया
हर पन्ने में जब एक फूल आया

कैसे कहता अलविदा मैं, होंठ थरथराते
कैसे रोकता मैं आँखें, अश्क बह ही जाते
कैसे थामता मैं हाथ तेरा आख़िरी दफ़ा
तू तो चली जाती, हाथों में वो रह ही जाते
सोता नहीं, कहीं सपने में तू दिख ना जाए
होता वही हर-हमेशा, जो कभी ना चाहे
साथ चलना ही था पूरी ज़िंदगी का वादा
दो क़दम के बाद कर दी क्यों जुदा ये राहें
तू ही आख़िरी थी जिसपे था भरोसा मुझको
रौशनी दिखा के छेड़ता, झरोखा मुझको
एतबारों से ना रखा एहतियात मैंने
तभी हर क़दम पे मिलता रहा धोखा मुझको
तेरा फ़ैसला मुक़दमा दायर कर के गई
किसी शेर-दिल को तू कायर कर के गई
चल, एक बात का तो शुक्रिया है तेरा
मुझको बर्बाद शायर कर के गई

बातें झूठी, मगर क़ाफ़िये पुख़्ता हैं
बातें झूठी, मगर क़ाफ़िये पुख़्ता हैं
मेरा, हर शायरी के बीच उसूल आया
मेरा, शायरी के बीच उसूल आया
जितनी बार भी गया, फ़िज़ूल आया
जितनी बार भी गया, फ़िज़ूल आया

Even when my vision fades to black
Its all I see
The moment when i lost control
In all my ecstasies
Running forever but
Never goin all the way
The moment when i lose control
Oblivescence is where it will end

मेरे सामने है तेरी तस्वीर
मेरी तक़दीर की तू हक़ीक़त में नहीं है
जो गाने बन रहे तुझपे
वो होने मशहूर और तू सोचे मुसीबत में नहीं है?
तू और ग़म एक साथ, नामुमकिन ये बात
चलो, है ग़नीमत कि नहीं है
ये दर्द मुझपे क़र्ज़, मैं चुकाऊँ कैसे?
तू शामिल किसी क़ीमत में नहीं है
मेरे जिस्म से रूह तक लग गया
आज ज़मीन से फ़लक लग गया
रास्ता भटक गया वो राही
जो गाँव में नया अब सड़क लग गया
कल तक ज़ेहन में मोहब्बत थी उसके
आज उसकी सोच को दीमक लग गया
जिसने मीठे किए थे लब किसी के
आज उसी के चेहरे पर नमक लग गया
सुबह-शाम झाँकू मेरी खिड़कियों से
उम्मीद रखा करूँ मेरी हिचकियों पे
तू साँस लेता जाना मेरी सिसकियों में
साया तेरा आईने की बिंदियों पे
फीके ये लफ़्ज़ बंधे बेड़ियों में
रंग भरूँ गीत में मैं तितलियों से
गाने लिखूँ कम जाना इन दिनों मैं
ग़लतियां मेरी कितनी गिनोगे

यूँ ही बैठे-बैठे कैसे हुई सुबह से शाम
रातें सोचा करूँ, बस यही मेरा है काम
तेरे इश्क़ का भले, तेरा नहीं मैं ग़ुलाम
कैसे रात बीते, मुझे होता ज़ुख़ाम?
स्वाद पाया नहीं तेरे इश्क़-ए-ज़ायके का
याद आया नहीं तुझे बिना फ़ायदे का
मुझे लगा तेरे दिल-ए-घर का मैं मालिक
पता चला तेरे दिल में किराए पे था
आँखों में है दर्द, आँखों में है नींद कहाँ
लापता जो चाँद तो फिर मानती है ईद कहाँ
दर्दों के दाम पे बिक गया मेरा इश्क़
बची जेब में यादें तो इश्क़ ले हम ख़रीद कहाँ?

Even when my vision fades to black
Its all I see
The moment when i lost control
In all my ecstasies
Running forever but
Never goin all the way
The moment when i lose control
Oblivescence is where it will end



Credits
Writer(s): Apoorv Sharan, Aryan Bhardwaj, Sanket Kumar Mishra
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