MUKH?

आसपास देखकर मैं सोचता हूँ
ऐसा क्या है, इस हवा में जो मुझे.
.रंग देखने से रोक रहा है
पर कुछ मुझे कहता नहीं

मैं उदास क्यों हूँ?
कुछ तो कहदे तू
मैं उदास क्यों हूँ
अब किस्से मैं पूछूं?

दिल का हाल दिल में रखना है तो
दिल मेरा कमज़ोर क्यों है इतना
ख़ुश रहना अगर दुनिया सिखाती है तो
ग़म हमें मंज़ूर क्यों है इतना

अब सांसें भी जो मैं ले रहा हूँ
रुक सी रही, पर चली रही हैं
क्यूंकि मैं भी डूबा इस हसरत-ए-दीद में
लिखता वही, पूछे जो ये दिल

मैं उदास क्यों हूँ?
कुछ तो कहदे तू
मैं उदास क्यों हूँ
अब किस्से मैं पूछूं?



Credits
Writer(s): Venugopal Shah
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