Samudri Chidiya

समुद्री चिड़िया
है बड़ी घुमक्कड़
उड़ने को तैयार
छोड़के अपना घर
उड़ने को तैयार
छोड़के अपना घर

बस कुछ यादें हैं उसके साथ
इस सफर में, हर कदम पे

पर उड़ते जा रही है वो
घर छोड़ कर जा रही है वो!

समुद्री चिड़िया
है बड़ी घुमक्कड़
उड़ने को तैयार
छोड़के अपना घर
उड़ने को तैयार
छोड़के अपना घर

राहों में वो
रूकती है जब
सोचती है वो
फ़िर से घर बनाएगी कब

पलटकर जब देखें
नहीं दिखता घर
सिर्फ आये नज़र
आँसुओं की नदी

समुद्री चिड़िया
मुझको भी बता!
कैसे उड़ते हैं हम
रातों को भला?

समुद्री चिड़िया
मुझको भी सिखा!
तू कैसे ले चलती संग
दुख दर्द पीड़ा?

तू कैसे ले चलती संग
दुख दर्द पीड़ा?

तू कैसे ले चलती संग
दुख दर्द पीड़ा?



Credits
Writer(s): Venugopal Shah
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