Hindustan Hindustan (From "Border")


सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान, हिंदुस्तान

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान, हिंदुस्तान

पांच हज़ार वर्ष पहले हमारे देशवाशी
इसी वेद मंत्र का उच्चारण करते
परम पिता परमात्मा से याचना करते थे
सबका भला करो भगवान, सबको सुख और शांति दो

और ५०० वर्ष पहले, भक्ति मार्ग के दर्शक
गुरु नानक देव ने, इसी बात को सरल भाषा में दोहराया
नानक नाम चढ़दी कला, तेरे पाणे सर्वत दा भला

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान, हिंदुस्तान

परन्तु सबके लिए सुख और शांति मांगने वाले हिन्दुस्तानी
क्या खुद शांति से रह सके?
रहते भी तो कैसे? उनकी धरती का दूसरा नाम, सोने की चिड़िया है
जिसकी मिट्टी में सोना, और जंगलो में चन्दन है

शायद इसीलिए प्रकृति ने, इसकी सुरक्षा के लिए, उत्तर में हिमालय
दक्षिण में हिंद महासागर, पूरब में बंगाल की खाडी
और पश्चिम में थार का रेगिस्तान बना दिया था

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान, हिंदुस्तान

फिर भी सोने की चमक और चन्दन की खुशबु
बाहर के हमलावरो को लुभाती रही
सिकंदर के घोड़ो की टापों ने
हमारी धरती के सीने की धड़कन तेज़ कर दी

तोहू, मंगोल, अरब, मुग़ल, पुर्तगली, फ़्रांसीसी और अंग्रेज कोई पीछे ना रहा
सब आये, और आते ही रहे, शायद नहीं जानते थे
कि जहाँ सब दुनियावाले अपनी अपनी मात्रूभूमि से प्यार करते हैं
वहाँ हिन्दुस्तानी, अपनी मात्रूभूमि की पूजा करते हैं
जी हाँ, पूजा

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी शान, मेरी जान, हिंदुस्तान

करोड़ो हिन्दुस्तानियो की भावना को
शब्दों में ढालते हुए ही तो बंकिम बाबु ने कहा था
सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम
शश्य श्यामलाम मातरम, वन्दे, वन्दे मातरम

हमलावरों को हार मानकर वापस जाना पड़ा
पर कुछ लोग यही के होके रह गए
उन्हें हमारी धरती माँ ने गोद ले लिया
और इतिहास क्षासी है, माँ ने अपनी कोख से जन्मे
और गोद लिए बच्चों में, कभी अंतर नही किया

शायद इसीलिए, जब जब किसी हमलावर ने
हमारी धरती के सीने पर पांव रखना चाहा
सब बच्चे सीना तानकर, सामने खड़े हो गए
और सीमा सुरक्षा की दीवार खडी हो गयी

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान

हमलवार इस दीवार से टकराकर वापस जाते रहे
जो १९६२ में हुई
वही सन ६५ में, और वही ७१ में
हर बार हिन्दुस्तानियों ने, वापस जाते हुए
दुश्मन की ओर दोस्ती का हाथ बढाया

क्यूंकि हमारी मिट्टी ने हमें सिखाया है
यदि नफ़रत करने वाले नफ़रत का दामन नहीं छोड़ते
तो मोहब्बत करने वाले, मोहब्बत का दामन क्यूँ छोड़ें?

हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान
मेरी आन, मेरी आन, मेरी शान, मेरी शान, मेरी जान, मेरी जान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Anu Malik, Op Dutta
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