Ae Bharat Maa Ke (From "Inspector Kiron")

सुबह बुरा है, शाम बुरा है
नशे का तो अंजाम बुरा है
अपने दिल से पूछ के देखो
दीवानों, ये काम बुरा है

ऐ भारत माँ की संतानों
किस गफ़लत में हो नादानों?
ये चमन है गौतम-चिस्ती का
इसकी अज़मत को पहचानो

कोकिन, हशीश और heroin
मत इनका कारोबार करो
ये हिंदुस्तान दोबारा है
इसकी मिट्टी से प्यार करो

तक़दीर है तुमसे भारत की
तस्वीर है तुमसे भारत की
कल के नेहरु, गाँधी तुम हो
क्यूँ देश को यूँ बदनाम करो?

दो पल की मस्ती की ख़ातिर
खेलो ना वतन की क़िस्मत से

अपने गुलशन के फूल हो तुम
गुलशन को मत नीलाम करो
ऐ भारत माँ की संतानों
किस गफ़लत में हो नादानों?



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri, Gumrah Khairati
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