Pari (From "Saawariya")

तुम तुम डरे दम तुम तुम तुम डरे दम तुम
तुम तुम डरे दम तुम तुम तुम डरे दम तुम

आरहे एक दिन आसमान से परी आएगी
हे हे हे लौट के फिर न वापस कभी जाएगी
आरहे उसकी खामोशी आहात को सुनता हूँ में
रात दिन हर घडी
लम्हा लम्हा इंतज़ार है उसका
हे हे एक दिन आसमान से परी आएगी

फूलों से वोह आशना
कलियों से होगी नार्म वोह
देखूंगा जब में उसे
मुझसे करेगी शर्म वोह
शर्मा के नाज़ुक आधा से
घबरा के बेहकी हया से
ज़ुल्फो की भीगी घटा से
होठों की सेहमी सदा से
मेरे दिल पे क़यामत से वोह वूटायेगी आएगी

हे हे हे एक दिन आसमान से परी आएगी
हे हे हे लौट के फिर न वापस कभी जाएगी
आरहे उसकी कामोशी आहात को सुनता हूँ में
रात दिन हर घडी
लम्हा लम्हा इंतज़ार है उसीका

चाहत की चुनर सजाके हे हे
ख्वाबों की मेहंदी रचाके हे हे हे
नज़रों के नज़दीन आके
इन फासलों को मिटाके
वोह तो लम्हे तेरे प्यार की लाएगी आएगी

हे हे हे एक दिन आसमान से परी आएगी



Credits
Writer(s): Manoj Sharma, Sameer Anjaan
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