Jao Ab Subah Hone Wali Hai

भूल जाओ तमाम बातों को
इन ख़्यालों को मेहम कर डालो
पोंछ लो अश्क़ अपने दामन से
उलझे-उलझे से बाल सुलझालो

जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली...

अब न आँसू बहाओ, जाने दो
आओ रुखसत हों मुस्कुराते हुए
अब न आँसू बहाओ, जाने दो
आओ रुखसत हों मुस्कुराते हुए

दाग रह जाएगा मेरे दिल पर
रोते देखा जो तुमको जाते हुए
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है

खून-ए-हसरत छलक रहा है आज
हुस्न-ए-गिरिया के आब-नगीने से
खून-ए-हसरत छलक रहा है आज
हुस्न-ए-गिरिया के आब-नगीने से

चूम कर मेरे सर्द होंठो को
खींच लो रूह को मेरे सीने से
जाओ अब सुबह होने वाली है

सर उठाओ, ज़रा इधर देखो
एक नज़र आखरी नज़र देखो
सर उठाओ, ज़रा इधर देखो
एक नज़र आखरी नज़र देखो

शम-ए-उम्मीद तुम भी गुल कर लो
आरज़ू मैंने फूँक डाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है



Credits
Writer(s): Traditional, Jagjit Singh
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