Niklo Na Benaqab (Live)

(कुछ नहीं कुछ पुरानी गजलें आपके सामने पेश करूंगा
शुरुआत में एक ग़ज़ल में सुनना चाहता हूं
जो कि मुझे बहुत पसंद है)

बेपर्दा नज़र आयी जो कल चन्द बीबियां
अकबर ज़मीं में गैरत-ए-क़ौमी से गड़ गया
पूछा जो मैने आप का पर्दा वो क्या हुआ
कहने लगीं के अक़्ल पे मर्दों की पड़ गया
निकलो न बेनक़ाब

निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है
और उसपे ये शबाब ज़मान खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है

सब कुछ हमें खबर है नसीहत न कीजिये
सब कुछ हमें खबर है नसीहत न कीजिये
सब कुछ हमें खबर है नसीहत न कीजिये
सब कुछ हमें खबर है नसीहत न कीजिये
क्या होंगे हम खराब, ज़माना खराब है
क्या होंगे हम खराब, ज़माना खराब है
और उसपे ये शबाब, ज़मान खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है

मतलब छुपा हुआ है यहां हर सवाल में
मतलब छुपा हुआ है यहां हर सवाल में
मतलब छुपा हुआ है यहां हर सवाल में
मतलब छुपा हुआ है यहां हर सवाल में
दो सोचकर जवाब, ज़माना खराब है
दो सोचकर जवाब, ज़माना खराब है
और उसपे ये शबाब, ज़मान खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है

राशिद तुम आ गये हो ना आखिर फ़रेब में
राशिद तुम आ गये हो ना आखिर फ़रेब में
राशिद तुम आ गये हो ना आखिर फ़रेब में
राशिद तुम आ गये हो ना आखिर फ़रेब में
कहते ना थे जनाब, ज़माना खराब है
कहते ना थे जनाब, ज़माना खराब है
और उसपे ये शबाब, ज़मान खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है
और उसपे ये शबाब, ज़मान खराब है
निकलो न बेनक़ाब ज़माना खराब है
ज़माना खराब है
ज़माना खराब है
ज़माना खराब है
ज़माना खराब है
ज़माना बीबियां



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas
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