Jaisi Karni Waisi Bharni

जो बोएगा, वही पाएगा
जो बोएगा, वही पाएगा
तेरा किया आगे आएगा
सुख-दुख हैं क्या फल-कर्मों का?

जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी

जो बोएगा, वही पाएगा
तेरा किया आगे आएगा
सुख-दुख हैं क्या फल-कर्मों का?

जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी

सबसे बड़ी पूजा है मात-पिता की सेवा
हो, सबसे बड़ी पूजा है मात-पिता की सेवा
क़िस्मतवालों को ही मिलता है ये मौक़ा
हाथ से अपने खो मत देना मौक़ा ये ख़िदमत का

जन्नत का दर खुल जाएगा
तेरा किया आगे आएगा
सुख-दुख हैं क्या फल-कर्मों का?

जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी

चाहे ना पूजें मूरत, चाहे ना तिरथ जाए
हो, चाहे ना पूजें मूरत, चाहे ना तिरथ जाए
मात-पिता के तन में सारे देव समाए
तू इनका दिल ख़ुश रखें तो ईश्वर ख़ुश हो जाए

भगवान तुझको मिल जाएगा
तेरा किया आगे आएगा
सुख-दुख हैं क्या फल-कर्मों का?

जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी

(जैसी करनी, वैसी भरनी)
(जैसी करनी, वैसी भरनी)
(जैसी करनी, वैसी भरनी)
(जैसी करनी, वैसी भरनी)

(जैसी करनी, वैसी भरनी)
(जैसी करनी, वैसी भरनी)



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Nagrath Rajesh Roshan
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