Aakhen Khul Jati

आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है
ख़्वाब तो ख़्वाब है, हर सुबह बिखर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है

ज़र्द पड़ते हैं नहीं ग़म के हरे ये पत्ते
ज़र्द पड़ते हैं नहीं ग़म के हरे ये पत्ते

जितना बढ़ता है मेरा दर्द निखर जाता है
जितना बढ़ता है मेरा दर्द निखर जाता है
ख़्वाब तो ख़्वाब है, हर सुबह बिखर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है

मेरी आँखों से निकल कर मेरा हर एक आँसू
मेरी आँखों से निकल कर मेरा हर एक आँसू

तेरी पलकों पे जो गिरता है, सँवर जाता है
तेरी पलकों पे जो गिरता है, सँवर जाता है
ख़्वाब तो ख़्वाब है, हर सुबह बिखर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है

तू अचानक से कभी सामने आ जाता है
तू अचानक से कभी सामने आ जाता है

साँसें रुक जाती हैं और दिल भी ठहर जाता है
साँसें रुक जाती हैं और दिल भी ठहर जाता है
ख़्वाब तो ख़्वाब है, हर सुबह बिखर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है
आँखें खुल जाती हैं और तेरा असर जाता है



Credits
Writer(s): Talat Aziz, Badr Nusrat
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