Yaro Kahan Tak

यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?
दो मुझको बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?

दिल तो जला गया है वो शोला सा आदमी
दिल तो जला गया है वो शोला सा आदमी
दिल तो जला गया है वो शोला सा आदमी

अब किसको छू के हाथ भी अपना जलाऊँ मैं?
अब किसको छू के हाथ भी अपना जलाऊँ मैं?
दो मुझको बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?

सुनता हूँ, अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो
सुनता हूँ, अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो
सुनता हूँ, अब किसी से वफ़ा कर रहा है वो

ऐ ज़िंदगी, ख़ुशी से कहीं मर ना जाऊँ मैं
ऐ ज़िंदगी, ख़ुशी से कहीं मर ना जाऊँ मैं
दो मुझको बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?

उस जैसा नाम रख के अगर आए मौत भी
उस जैसा नाम रख के अगर आए मौत भी
उस जैसा नाम रख के अगर आए मौत भी

हँस कर उसे, क़तील, गले से लगाऊँ मैं
हँस कर उसे, क़तील, गले से लगाऊँ मैं
दो मुझको बद-दुआ कि उसे भूल जाऊँ मैं
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?

यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?
यारों, कहाँ तक और मोहब्बत निभाऊँ मैं?



Credits
Writer(s): Ashok Khosla, Shifai Qateel
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