Sarakti Jaye Rukh Se Naqab

सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफताब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता
जवान होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा

जवान होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा
हया यकलख्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता

शब्-इ-फुरक़त का जागा हूँ फरिश्तों अब तो सोने दो
शब्-इ-फुरक़त का जागा हूँ फरिश्तों अब तो सोने दो

कभी फुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटे अमीर और मैं कहूं उन से
वो बेदर्दी से सर काटे अमीर और मैं कहूं उन से
हुज़ूर आहिस्ता, आहिस्ता जनाब, आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाए है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता



Credits
Writer(s): Jagjit Singh
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