Isq Risk (From "Mere Brother Ki Dulhan")

कोई बोले दरिया है (कैसा-कैसा है इस्क़)
कोई माने सेहरा है (कैसा-कैसा है इस्क़)
कोई बोले दरिया है (कैसा-कैसा है इस्क़)
कोई माने सेहरा है (कैसा-कैसा है इस्क़)
कोई सोने सा तोले रे, कोई माटी सा बोले रे
कोई बोले के चांदी का है छुरा
होता ऐसे ये मौके पे, रोका जाए ना रोके से
अच्छा होता है होता है ये बुरा
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है
अजब सा रिस्क है
कैसा इस्क़ है
कैसा इस्क़ है
कैसा इस्क़ है

मुस्किलों में ये डाले जो भी चाहे करा ले
बदले ये दिलों के फ़ैसले
मन का मौजी इस्क़ तो जी
अलबेली सी राहों पे ले चले
मुस्किलों में ये डाले जो भी चाहे करा ले
बदले ये दिलों के फ़ैसले
मन का मौजी इस्क़ तो जी
अलबेली सी राहों पे ले चले
कोई पीछे ना आगे है, फिर भी जाने क्यों भागे है
मारा इस्क़े का, इस्क़े का दिल मेरा, दिल मेरा
इसके-उसके ये हिस्से में, तेरे-मेरे ये क़िस्से में
मौला सीखे बिन, सीखे बिन दे सिखा
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है
गा गा गा मा सा रे

नैना लागे तो जागे, बिना डोरी या धागे
बंधते हैं दो नैना ख़्वाब से
ना अता हो, ना पता हो
कोरे नैनों में कोई आ बसे
नैना लागे तो जागे, बिना डोरी या धागे
बंधते हैं दो नैना ख़्वाब से
ना अता हो, ना पता हो
कोरे नैनों में कोई आ बसे
इसका उसका ना इसका है, जाने कितना है किसका है
कैसी भासा में, भासा में है लिखा (इस्क़ ये)
इसके उसके ये हिस्से में, तेरे मेरे ये क़िस्से में
मौला सीखे बिन, सीखे बिन दे सिखा
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है
इस्क है
कैसा ये इस्क़ है, अजब सा रिस्क है



Credits
Writer(s): Sohail Sen, Irshad Kamil
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