Dheere Chal Zara (Edited Version / From "Hum Paanch")

धीरे चल ज़रा, ओ, पागल पुरवैया
तू काहे शोर मचाए? तू काहे शोर मचाए?
जिन की क़िस्मत सो गई, उन को कौन जगाए?
धीरे चल ज़रा, ओ, पागल पुरवैया
तू काहे शोर मचाए?

सोने दे बेचारों को, इन क़िस्मत के मारो को
ये वो माँझी तोड़ चुके जो अपनी पतवारों को
सोने दे बेचारों को, इन क़िस्मत के मारो को (हो-हो)

धीरे चल ज़रा, ओ, पागल नदिया
निंदिया टूट ना जाए
जो नैया में डूब गए उन को कौन बचाए?
धीरे चल ज़रा, ओ, पागल पुरवैया
तू काहे शोर मचाए?

जीवन रैन बसेरा है
किस का नाम सवेरा है?
हो, जलते हुए चिरागों के नीचे घोर अँधेरा है (हो-हो)

धीरे चल ज़रा, ओ, पागल चंदा
सूरज निकल ना आए
जिन के मन का दीप बुझा, उन को कौन बचाए?
धीरे चल ज़रा, ओ, पागल चंदा
सूरज निकल ना आए, सूरज निकल ना आए



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Pyarelal
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