Trikuta Pahad Baithi

त्रिकुटा पहाड़ बैठी माँ वैष्णवी रानी
त्रिकुटा पहाड़ बैठी माँ वैष्णवी रानी

माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)

ममतामयी, ममतामयी...
ममतामयी मैया की दुनिया है दीवानी

सब पे मेहर है करती मात अंबे भवानी
सब पे मेहर है करती मात अंबे भवानी
(सब पे मेहर है करती मात् अंबे भवानी)
(सब पे मेहर है करती मात् अंबे भवानी)

जिनके द्वारे पे आ के ब्रह्मा वेद पढ़ते हैं
जिनका पहरा श्री हनुमत लला जी करते हैं
(जिनका पहरा श्री हनुमत लला जी करते हैं)

ध्यान जिनका लगा के बैठे हैं खुद शिवशंकर
आद्य शक्ति का नमन देव सभी करते हैं
(आद्य शक्ति का नमन देव सभी करते हैं)

ब्रह्मांड में, ब्रह्मांड में...
ब्रह्मांड में मैया सा दूजा नहीं सानी
जय हो

माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)

ऐसा कोई तो बता जो लौटा हो खाली
सबकी झोली भरती माँ मेरी शेरों वाली
(सबकी झोली भरती माँ मेरी शेरों वाली)

सच्ची श्रद्धा से जो भी माँ के द्वारे आता है
सब पे दृष्टि दया की करती है ज्योताँ वाली
(सब पे दृष्टि दया की करती है ज्योताँ वाली)

मोहक छवि, मोहक छवि...
मोहक छवि है प्यारी, है चेहरा नूरानी
जय माँ

माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी

जिस पे डाले निगाह मैया, वो सँवर जाए
नाम ले जो भी मेरी मैया का वो तर जाए
(नाम ले जो भी मेरी मैया का वो तर जाए)

ज्योत जिस घर में जगे मेरी मैया रानी की
उस घर में सदा खुशियाँ ही खुशियाँ आएँ
(उस घर में सदा खुशियाँ ही खुशियाँ आएँ)

महिमा मेरी, महिमा मेरी...
महिमा मेरी मैया की ना जाए बखानी

माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)

(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)
(माँ के चरण धुलाए बाणगंगा का पानी)



Credits
Writer(s): Awnish Khare
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