Mujhe Haq Hai

मुझे हक़ है

तुझको जी भर के मैं देखूँ
मुझे हक़ है
बस यूँ ही देखता जाऊँ
मुझे हक़ है
पिया-पिया
पिया-पिया बोले मेरा जिया
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है

ढल रही, पिघल रही, ये रात धीरे-धीरे
बढ़ रही है प्यार की, बात धीरे-धीरे
चूड़ियाँ गुनगुना के, क्या कहे सजना
ये चूड़ियाँ गुनगुना के, क्या कहे सजना
रात की रात जगाऊँ, मुझे हक़ है
चाँद पूनम का चुराऊँ, मुझे हक़ है
पिया-पिया
पिया-पिया बोले मेरा जिया
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है

कल सुबह तुझसे मैं दूर चला जाऊँगा
एक पल को भी तुझे भूल नहीं पाऊँगा
ये चेहरा, ये मुस्कान आँखों में भर के
ये चेहरा, ये मुस्कान आँखों में भर के
मैं तेरी याद में तड़पूँ, मुझे हक़ है
तुझसे मिलने को मैं तरसूँ, मुझे हक़ है
पिया-पिया
पिया-पिया बोले मेरा जिया
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है

मुझे हक़ है

तुम्हें हक़ है



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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