Zehnaseeb

ज़हे-नसीब, ज़हे-नसीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब
मेरे क़रीब, मेरे हबीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब

तेरे संग बीते हर लम्हे पे हमको नाज़ है
तेरे संग जो ना बीते उस पे एतराज़ है
इस क़दर हम दोनों का मिलना एक राज़ है

हुआ अमीर दिल ग़रीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब
ज़हे-नसीब, ज़हे-नसीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब

लेना-देना नहीं दुनिया से मेरा, बस तुझ से काम है
तेरी अखियों के शहर में, यारा, सब इंतज़ाम है
ख़ुशियों का एक टुकड़ा मिले, या मिलें ग़म की खुरचनें
यारा, तेरे-मेरे खर्चे में दोनों का ही एक दाम है

होना लिखा था यूँ ही जो हुआ
या होते-होते अभी अंजाने में हो गया

जो भी हुआ, हुआ अजीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब
ज़हे-नसीब, ज़हे-नसीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब

हुआ अमीर दिल ग़रीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा, ज़हे-नसीब
ज़हे-नसीब, ज़हे-नसीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा
तुझे चाहूँ बेतहाशा (ज़हे-नसीब)



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Amitabh Bhattacharya, Shekhar Hasmukh Ravjiani
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