Hum Jab Simat Ke Aapki Bahon Men - From "Waqt"

हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
लहरा के अपने आप जवाँ ज़ुल्फ़ खुल गई
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

कह दी है दिल की बात नजारों के सामने
कह दी है दिल की बात नजारों के सामने
इक़रार कर लिया है बहारों के सामने
दोनों जहान आज गवाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

मस्ती भरी घटाओं की परछाइयों तले
मस्ती भरी घटाओं की परछाइयों तले
हाथों में हाथ थाम के जब साथ हम चले
शाखों से फूल टूट के राहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़ाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए



Credits
Writer(s): Ravi, Ludiavani Sahir
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