Kaise Kehdu Ke Mulakat

कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं, मगर बात नहीं होती है
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है

आप लिल्लाह ना देखा करें आईना कभी
आप लिल्लाह ना देखा करें आईना कभी

दिल का आ जाना बड़ी बात नहीं होती है
दिल का आ जाना बड़ी बात नहीं होती है

छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया-भर से
छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया-भर से

कब मेरी आँखों से बरसात नहीं होती है
कब मेरी आँखों से बरसात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं, मगर बात नहीं होती है
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है

हाल-ए-दिल पूछने वाले, तेरी दुनिया में कभी
हाल-ए-दिल पूछने वाले, तेरी दुनिया में कभी

दिन तो होता है, मगर रात नहीं होती है
दिन तो होता है, मगर रात नहीं होती है

जब भी मिलते हैं तो कहते हैं कि कैसे हो, शकील
जब भी मिलते हैं तो कहते हैं कि कैसे हो, शकील

इस से आगे तो कोई बात नहीं होती है
इस से आगे तो कोई बात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं, मगर बात नहीं होती है
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है



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