Main Sochun

मैं सोचूँ ये कैसे, तुम ना मिलते तो क्या होता?
मैं सोचूँ ये कैसे, तुम ना मिलते तो क्या होता?
मैं सोचूँ ये कैसे, तुम ना मिलती तो क्या होता?

जो सुकूँ मेरे दिल को मिला है
क्या तुम बिन मिला होता?

शायद (शायद), हाँ, शायद
शायद, शायद, हाँ, शायद

चाहत यूँ ही बढ़ती रहे
रह ना पाऊँगी तेरे बिना, क़सम से
हाय, देखा ना कोई भी दूजा तुम सा
अब जाने ना दूँगी तुम्हें दूर हम से

लगता है जैसे बंधा हो ये बंधन
जन्नत में कहीं
कई जन्मों का है ये बंधन
कहीं ऐसा, ऐसा तो नहीं?

शायद (शायद), हाँ, शायद
शायद, शायद, हाँ, शायद

मैं जानता हूँ कि तुम जानती हो
तुम जानती हो कि मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ कि तुम जानती हो
तुम जानती हो कि मैं जानता हूँ

हम जानते हैं कि दुनिया अगर जान लेगी तो
तूफ़ाँ उठेगा, खुदा ना करे कहीं ऐसा हो
मगर जाने कब जानलेवा जुदाई ये होगी ख़तम

क्या है ऐसा भी मुमकिन
कि दीवार ये तोड़ पाएँगे हम?

शायद (शायद), हाँ, शायद
शायद, शायद, हाँ, शायद

नहीं मुझ को ख़बर, क्या ग़लत, क्या सही
क्यूँ मैं आज खुद अपने बस में नहीं?
चाहत तो है ज़रूर, मेरा दिल कह रहा है
ऐसी बातों से रहना है दूर, ज़मीर समझा रहा है

हाँ और ना की इस उलझन में
फँस गया दिल बेचारा यूँ ही
ये क्या हो गया? ऐसा क्यूँ हो गया?
कहीं ऐसा तो नहीं...

शायद, शायद, हाँ, शायद
शायद, शायद, हाँ, शायद
ला-ला, ला-ला, ला-ला-ला



Credits
Writer(s): Rahul Ranade, Gautam Joglekar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link