Haq Jaata De

हक़ जता दे
हो, हक़ जता दे, प्यार निभा दे
यार गले से लग जाना
हक़ जता दे, प्यार निभा दे

यार गले से लग जाना
आग लगी है सावन में
दिल तरसेगा कब तक आना
हो, छोड़ दे बाहें, रोक ना राहें

प्यार तेरा है दीवाना
छोड़ दे बाहें, रोक ना राहें
प्यार तेरा है दीवाना
जाने क्यूँ लगता है बन जाएगा कोई अफ़साना

इस हरजाई मौसम की खुशबू में कोई खुमारी है
हाँ, ऐसा जाने क्यूँ लगता है बूंदों में चिंगारी है
ऐसा हाल हुआ ना अपना गुजरी हुई बरसातों में
दो प्रेमी क्यूँ जलते हैं, इन भीगी-भीगी रातों में

भीगी-भीगी रातों में
ख़्वाब नए हैं
ख़्वाब नए हैं, प्यास नई है
दर्द भी है अनजाना

हाए! ख़्वाब नए हैं, प्यास नई है
दर्द भी है अनजाना
आग लगी है सावन में
दिल तरसेगा कब तक आना

होश रहा ना अब मुझको, जाने क्या मस्ती छाई है
हाँ बरसों कितना तड़पी हूँ, तब घड़ी मिलन की आई है
ओड़ ले इस तन्हाई को कुछ ऐसे आज सिमट जाओ
लाज का घूँगट मैं खोलूँ तुम मुझसे आज लिपट जाओ

मुझसे आज लिपट जाओ
सोच लिया
हो, सोच लिया तो सोच लिया
जो सोच लिया वो कर जाना

सोच लिया तो सोच लिया
जो सोच लिया वो कर जाना
आग लगी है सावन में

दिल तरसेगा कब तक आना
हाँ, छोड़ दे बाहें, रोक ना राहें
प्यार तेरा है दीवाना

छोड़ दे बाहें, रोक ना राहें
प्यार तेरा है दीवाना
जाने क्यूँ लगता है बन जाएगा कोई अफ़साना



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Raj Anand
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