Main Pariyon Ke Desh Ki

मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी
मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी

एक परी लाडली, लाडली एक परी

मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी

फूलों के जैसा प्यारा मुखड़ा था
सबका कहना था, "चाँद का टुकड़ा था"
जब वो हँसती थी, फूल बरसते थे
जब वो रोती थी, मोती झरते थे

पावती वो कली, वो कली पावती

मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी

रूठती थी जब, माँ मनाती थी
चाँद-सितारे देके उसे रिझाती थी
बादल का बिस्तर माँ बिछाती थी
उसे सुलाने को लोरी गाती थी

वो पली नाज़ से, नाज़ से वो पली

मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी

एक दिन गुलशन में तूफ़ाँ आ गया
जहाँ उजाला था, अँधेरा छा गया
फूल डाली से छूटने लगे, नन्ही परी के पँख टूटने लगे
डर के मारे माँ काँपने लगी, सीने से लगा के वो तड़पने लगी
वो तड़पने लगी, वो तड़पने लगी

माँ ने अपने हाथ जोड़ भगवान से कहा
"मेरी नन्ही गुड़िया को ये कैसी दी सज़ा
मेरी लाडो को भगवन तू जीवनदान दे
उसको अच्छा कर दे, ले तो मेरी जान ले"
ले तो मेरी जान ले, ले तो मेरी जान ले

माँ के संग हर परी, हर परी रो पड़ी

माँ के आँसू देख के पत्थर पिघल गए
मालिक के इरादे भी पल में बदल गए
टूटे पँख ना जाने कहाँ उड़ गए
सुँदर नये पंख फिर से जुड़ गए
फिर से जुड़ गए, हाँ-हाँ, फिर से जुड़ गए

हर परी झूम उठी, झूम उठी हर परी

मैं परियों के देश की तुमसे कहूँ कहानी
उन परियों के देश में थी नन्ही सी रानी

एक परी लाडली, लाडली एक परी



Credits
Writer(s): Sameer Sen, Dilip Sen, Shrvan Sinha
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