Jaisi Karni Waisi Bharni Sad Male

अपनों को जब अपनी दुनिया ठुकराती है
जाने-अनजाने में हाय निकल जाती है
हाय लगे ना तुझको दुआ ये माँ देकर जाती है

माँ का दिल माफ़ कर जाएगा
तेरा किया आगे आएगा
सुख-दुख है क्या फल-कर्मों का?

जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी
जैसी करनी, वैसी भरनी



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Nagrath Rajesh Roshan
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