Duniya Hain Khwabon Ki Basti - Live

Dil Shahjahanpuri के इस क़ते के बाद
अब ग़ज़ल के चंद शेर समाअत फ़रमाएँ
शायर हैं, जनाम Zameer Kazmi

कूचा-गर्दी में जवानी जाएगी
ख़ाक होकर ज़िंदगानी जाएगी
मिट नहीं सकता हमारे दिल का दाग़
क़ब्र में भी ये निशानी जाएगी

दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में
चल साक़ी, एक जाम पिला दे, आग लगी है सीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में

धीरे-धीरे जाम में जैसे चाँद-सितारे रक़्स करें
धीरे-धीरे जाम में जैसे चाँद-सितारे रक़्स करें
...चाँद-सितारे रक़्स करें
तुम क्या जानो, तुम क्या समझो, कैसा मज़ा है पीने में
तुम क्या जानो, तुम क्या समझो, कैसा मज़ा है पीने में

चल साक़ी, एक जाम पिला दे, आग लगी है सीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में

अब तक कोई चोट दबी सी रातों को तड़पाती है
अब तक कोई चोट दबी सी रातों को तड़पाती है
...रातों को तड़पाती है
अब भी कोई चेहरा छुपा है इस दिल के आईने में
अब भी कोई चेहरा छुपा है इस दिल के आईने में

चल साक़ी, एक जाम पिला दे, आग लगी है सीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में

दूर कहीं कोई कोयल गाए, पुरवाई आवाज़ लगाए
दूर कहीं कोई कोयल गाए, पुरवाई आवाज़ लगाए
...पुरवाई आवाज़ लगाए
रिमझिम बरखा बुलाने आए हमको मस्त महीने में
रिमझिम बरखा बुलाने आए हमको मस्त महीने में

चल साक़ी, एक जाम पिला दे, आग लगी है सीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में
दुनिया है ख़्वाबों की बस्ती, क्या रखा है जीने में

आपके इस प्यार और ज़र्रा-नवाज़ी के लिए
बहुत-बहुत शुक्रिया, धन्यवाद, मेहरबानी



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Zameer Kazmi
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