Tadbeer

उल्टी हो गईं सब तदबीरें
उल्टी हो गईं सब तदबीरें
कुछ ना दवा ने काम किया

देखा इस बीमारी-ए-दिल ने
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने
आख़िर काम तमाम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें

अहद-ए-जवानी रो-रो काटा
पीरी में लीं आँखें मूँद
अहद-ए-जवानी रो-रो काटा
पीरी में लीं आँखें मूँद

यानी रात बहुत थी जागी
यानी रात बहुत थी जागी
सुबह हुई आराम किया

देखा इस बीमारी-ए-दिल ने
आख़िर काम तमाम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें

ना हक़ हम मजबूरों पर ये
तोहमत है मुख़्तारी की
ना हक़ हम मजबूरों पर ये
तोहमत है मुख़्तारी की

चाहतें हैं सो आप करें हैं
चाहतें हैं सो आप करें हैं
हमको अबस बदनाम किया

देखा इस बीमारी-ए-दिल ने
आख़िर काम तमाम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें

याँ के सपीद-ओ-सियह में हमको
दख़ल जो है सो इतना है
याँ के सपीद-ओ-सियह में हमको
दख़ल जो है सो इतना है

रात को रो-रो सुबह किया या
रात को रो-रो सुबह किया या
दिन को जो तू शाम किया

देखा इस बीमारी-ए-दिल ने
आख़िर काम तमाम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें
कुछ ना दवा ने काम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें



Credits
Writer(s): Ali-ghani, Meer Taqi Meer
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