Dil Ki Tehki

जब नाम तेरा लीजे तब चश्म भर आवे
इस ज़िंदगी करने को कहाँ से जिगर आवे?
हमारे आगे तेरा जब किसू ने नाम लिया
दिल-ए-सितम-ज़दा को हम ने थाम-थाम लिया

दिल की तहकी कही नहीं जाती
दिल की तहकी कही नहीं जाती
नाज़ुक है इसरार बहुत
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
लेकिन है विस्तार बहुत

दिल की तहकी कही नहीं जाती
नाज़ुक है इसरार बहुत
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
लेकिन है विस्तार बहुत
दिल की तहकी कही नहीं जाती

हिज्र ने जी ही मारा हमारा
क्या कहिए क्या मुश्किल है
हिज्र ने जी ही मारा हमारा
क्या कहिए क्या मुश्किल है

उससे जुदा रहना होता है
उससे जुदा रहना होता है
जिससे हमें है प्यार बहुत
दिल की तहकी कही नहीं जाती
दिल की तहकी कही नहीं जाती

१०० ग़ैरों में हो आशिक़ तो
एक उसी से शरमावे
१०० ग़ैरों में हो आशिक़ तो
एक उसी से शरमावे

इस मस्ती में आँखें उसकी
इस मस्ती में आँखें उसकी
रहती हैं हुशियार बहुत
दिल की तहकी कही नहीं जाती
दिल की तहकी कही नहीं जाती

रात से शोहरत इस बस्ती में
मीर के उठ जाने की है
रात से शोहरत इस बस्ती में
मीर के उठ जाने की है

जंगल में जो जल्द बसा जा
जंगल में जो जल्द बसा जा
शायद था बीमार बहुत

दिल की तहकी कही नहीं जाती
दिल की तहकी कही नहीं जाती
नाज़ुक है इसरार बहुत
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
अक्षर हैं तो इश्क़ के दो ही
लेकिन है विस्तार बहुत

दिल की तहकी कही नहीं जाती
दिल की तहकी कही नहीं जाती



Credits
Writer(s): Ali-ghani, Meer Taqi Meer
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