Koyi Darwaze Talak

कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?
और दबे पाँव पलट जाए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?
और दबे पाँव पलट जाए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या हैं?

आदमी कौन से हालात से, दो-चार हुआ
आदमी कौन से हालात से, दो-चार हुआ
आदमी कौन से हालात से, दो-चार हुआ
अपने साए से भी घबराए
ये क़िस्सा क्या है?
अपने साए से भी घबराए
ये क़िस्सा क्या है?
और दबे पाँव पलट जाए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?

तुमसे दूरी तो बहर-हाल, क़यामत थी मगर
तुमसे दूरी तो बहर-हाल, क़यामत थी मगर
तुमसे दूरी तो बहर-हाल, क़यामत थी मगर
तुमसे मिलकर भी ना चैन आए
ये क़िस्सा क्या है?
तुमसे मिलकर भी ना चैन आए
ये क़िस्सा क्या है?

और दबे पाँव पलट जाए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?

ऐ 'ज़फ़र' रोज मुहब्बत का, कोई क़त्ल करे
ऐ 'ज़फ़र' रोज मुहब्बत का, कोई क़त्ल करे
ऐ 'ज़फ़र' रोज मुहब्बत का, कोई क़त्ल करे
और गुनेहगार ना कहलाए, ये क़िस्सा क्या है?
और गुनेहगार ना कहलाए, ये क़िस्सा क्या है?
और दबे पाँव पलट जाए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?
कोई दरवाज़े तलक़ आए, ये क़िस्सा क्या है?



Credits
Writer(s): Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas
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