Pareshaan

नए-नए नैना मेरे ढूँढे हैं दर-ब-दर क्यूँ तुझे?
नए-नए मंज़र ये तकते हैं इस-क़दर क्यूँ मुझे?
ज़रा-ज़रा फूलों पे झड़ने लगा दिल मेरा
ज़रा-ज़रा काँटों से लगने लगा दिल मेरा

मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
आतिशें वो कहाँ?
मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
रंजिशें हैं धुआँ, हाँ
गश खाके गलियाँ मुड़ने लगी हैं, मुड़ने लगी हैं
राहों से तेरी जुड़ने लगी हैं, जुड़ने लगी हैं
चौबारे सारे ये मीलों के मारे से पूछे हैं तेरा पता
ज़रा-ज़रा चलने से थकने लगा दिल मेरा
ज़रा-ज़रा उड़ने को करने लगा दिल मेरा

मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
दिलकशी का समाँ
मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
ख़्वाहिशों का समाँ
बे-बात ख़ुद पे मरने लगी हूँ, मरने लगी हूँ
बेबाक आहें भरने लगी हूँ, भरने लगी हूँ
चाहत के छींटें हैं, खारे भी मीठे हैं, मैं क्या से क्या हो गई
ज़रा-ज़रा फ़ितरत बदलने लगा दिल मेरा
ज़रा-ज़रा क़िस्मत से लड़ने लगा दिल मेरा

कैसी मदहोशियाँ?
मस्तियाँ, मस्तियाँ

मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
आतिशें वो कहाँ?
मैं परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ, परेशाँ
रंजिशें हैं धुआँ, हो



Credits
Writer(s): Kausar Munir, Amit Trivedi
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