Rishton Ka Raasta

एक जैसी धड़कनों की, एक जैसी थाप है
एक जैसी दो आँखों के, एक जैसे ख्वाब हैं
क्यूँ भला?
सोच तो ये वास्ता

एक जैसी दूरियाँ हैं (दूरियाँ हैं, ऐ)
एक जैसी दूरियाँ हैं, एक जैसी रुह में
एक जैसे ख्वाब बैठे, दिल-ए-मज़रूह में
कोई तो मुस्कुराये, कोई आवाज़ दे
चुप्पी के ख्वाब भरके, मरहम सा राग़ दे

कच्चे से दिल के घेरे, तेरे-मेरे
कच्चे से दिल के घेरे, कब तक झेले अंधेरे?
टूटे से चाँद को ये लेकर ढूंढे अकेले
रिश्तों का रास्ता क्यूँ भला?
सोच तो ये वास्ता

धुम ताना, धुम ताना
एक ही जो दर्द है अगर (धुम ताना, धुम ताना)
आ (धुम ताना, धुम ताना)
आ (धुम ताना, धुम ताना)
आ (धुम ताना, धुम ताना)

एक ही जो दर्द है अगर, एक ही होगी दवा
एक जैसे ही कदमों से, कम होगा फ़ासला
कोई तो बांह खोले, बांहों में भींच ले
दिल में बैठे कांटों को, होठों से खींच ले
बिरहा के तार ले के, पीसा मल्हार दे-दे
घाव से पीर ले के, मन का श्रृंगार दे-दे

ऐसे जैसे
पानी में रंग घुले हो
पी में ये अंग घुले हो
मैल रह जाये ना मन में
दोनो यूँ संग घुले हो
बन जाये दास्ता हाँ क्यूं भला?
सोच तो ये वास्ता

एक जैसी धड़कनों की, एक जैसी थाप है
एक जैसी दो आँखों के, एक जैसे ख्वाब हैं
क्यूँ भला? सोच तो ये वास्ता

क्यूँ भला?
सोच तो
ये वास्ता
आ, आ, आ
आ, आ, आ
आ, आ, आ
आ, आ, आ



Credits
Writer(s): Vasu Dixit, Pavan Kumar Kj, Sanjeeva Nayak Sooda, Jishnu Dasgupta, Varun Murali
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