Koi Yeh Kehde Gulshan Gulshan

कोई ये कह दे गुलशन गुलशन
कोई ये कह दे गुलशन गुलशन
लाख बलाएँ
लाख बलाएँ एक नशेमन
लाख बलाएँ एक नशेमन
कोई ये कह दे

फूल खिले हैं गुलशन गुलशन
लेकिन अपना अपना दामन
लेकिन अपना अपना दामन
कोई ये कह दे

आज न जाने राज़ ये क्या है?
हिज्र की रात और इतनी रोशन
हिज्र की रात और इतनी रोशन
कोई ये कह दे गुलशन गुलशन

रहमत होगी
तालिब-ए-इस्याँ
रश्क करेगी पाकि-ए-दामन
रश्क करेगी पाकि-ए-दामन
कोई ये कह दे

काँटों का भी हक़ है कुछ आख़िर
कौन छुड़ाए अपना दामन
कौन छुड़ाए अपना दामन
कौन छुड़ाए
कोई ये कह दे गुलशन गुलशन



Credits
Writer(s): Jigar Moradabadi, Begum Akhtar, Murli Mahohar Swarup
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