Kya Kya Na Sitam

रंग-रंगीली, नीली-पीली और चमकीली चूड़ियाँ
इंद्रधनुष के रंग दिखाएँ ये भड़कीली चूड़ियाँ
अरे, करने पे जो आ जाएँ तो हैं प्यार चूड़ियाँ
और करनी पे जो आ जाएँ तो हैं कटार चूड़ियाँ

क्या-क्या ना सितम, हाए-हाए
क्या-क्या ना सितम, हाए, ये ढाती हैं चूड़ियाँ
क्या-क्या ना सितम, हाए, ये ढाती हैं चूड़ियाँ
जब भी किसी कलाई में आती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म हैं, कुछ भी ना लजाती हैं चूड़ियाँ
बेशर्म हैं, कुछ भी ना लजाती हैं चूड़ियाँ
बातें हो छुपाने की, बताती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ
बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ

कुछ चूड़ियों से चूड़ियाँ...
कुछ चूड़ियों से चूड़ियाँ लड़ने लगीं थीं कल
कहने लगीं कि "चल, ज़रा, साजन के पास चल"
"साजन के पास चल, ज़रा, साजन के पास चल"
सुनकर ये बात मैंने गँवाया ना एक पल
पर बेरहम ने दी मेरी कलाई यूँ मसल

ऐसे ही मुझे..., ओ
ऐसे ही मुझे रोज़ सताती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ
Hmmh, बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ

क्या-क्या ना सितम, हाए, ये ढाती हैं चूड़ियाँ
जब भी किसी कलाई में आती हैं चूड़ियाँ

अरे, ओ, पहनाए जो साजन...
पहनाए जो साजन तो हैं सुहाग चूड़ियाँ
पहनाए बेगाना तो हैं एक आग चूड़ियाँ
प्रीतम इन्हें छेड़े तो हैं इक राग चूड़ियाँ
दुश्मन छुए तो रिश्तों पे हैं दाग़ चूड़ियाँ

नज़र पड़े ग़ैर की..., ओ
नज़र पड़े ग़ैर की तो रुलाती हैं चूड़ियाँ

बेदर्द चूड़ियाँ, बेशर्म चूड़ियाँ
बेदर्द चूड़ियाँ, बेशर्म चूड़ियाँ

क्या-क्या ना सितम, हाए, ये ढाती हैं चूड़ियाँ
जब भी किसी कलाई में आती हैं चूड़ियाँ

जो काली चूड़ियाँ थीं...
जो काली चूड़ियाँ थीं, पुतलियों में ढल गईं
जो नीली चूड़ियाँ थीं, रगों में बदल गईं
जो थी गुलाबी गालों पे, खिल के बिख़र गईं
जो लाल थी रगों में, लहू बन उतर गईं

यूँ नस-नस में..., ओ
यूँ नस-नस में दौड़ती जाती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ
बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ

क्या-क्या ना सितम, हाए, ये ढाती हैं चूड़ियाँ
जब भी किसी कलाई में आती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म हैं, कुछ भी ना लजाती हैं चूड़ियाँ
बेशर्म हैं, कुछ भी ना लजाती हैं चूड़ियाँ
बातें हो छुपाने की, बताती हैं चूड़ियाँ

बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ
बेशर्म चूड़ियाँ, बेदर्द चूड़ियाँ



Credits
Writer(s): Maya Govind
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