Yakh Lukhta Yakh Mukhta
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
ऐसा बताऊँ नुक़्ता
प्यार में हो जाए पुख़्ता-पुख़्ता
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल ना
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
तेरे रूप की ना चाह
तेरे रंग का ना भय
तेरे रूप की ना चाह
तेरे रंग का ना भय
मैंने यही कहना है, तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, मैं नहीं रुकता
रूप मेरा है कोरा दर्पण
अरे, रूप मेरा है कोरा दर्पण
कर ले इसमें अपने दर्शन
ठुकरा के ना बन अपराधी
ए, ठुकरा के ना बन अपराधी
आजा, लगा ले प्रेम समाधि
जीवन-भर ना देखी होगी
देखेगा वो शर
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
रख पास वो तू शय
तेरे काम की वो है
तेरे मत मारी है
तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, मैं नहीं रुकता
पाप छोड़ कर करले भक्ति
अरे, करले भक्ति
पाप छोड़ कर करले भक्ति
मिलेगी तेरे मन को शक्ति
छन-छन मेरी पायल थिरकी
अरे, भूल जाएगा भक्ति-वक्ति
भूल जाएगा भक्ति-वक्ति
बदन मेरा है जाम
ओ, बदन मेरा है जाम और आँखों से छलके मय
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
तेरे दिल में जो है, वो तू बकती रह
मैं भी कहूँ, तू भी कह हरि बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, नहीं-नहीं रुकता
तेरे सामने, हो, तेरे सामने जवानी खड़ी है
यही है मौक़ा, यही घड़ी है
अंग-अंग में...
अंग-अंग में आग भरी है
राम-नाम की तुझे पड़ी है
राम की जय तो सब करते
तू करले मेरी जय
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बड़ी बेशरम है, ज़रा दूर-दूर रह
मुझे यही कहना है, तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
पवनसुत हनुमान की...
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
ऐसा बताऊँ नुक़्ता
प्यार में हो जाए पुख़्ता-पुख़्ता
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मैं नहीं रुकता, नहीं-नहीं रुकता
یاخا لوخته, हो मैं नहीं रुकता
یاخا لوخته, नहीं-नहीं रुकता
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
ऐसा बताऊँ नुक़्ता
प्यार में हो जाए पुख़्ता-पुख़्ता
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल ना
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
तेरे रूप की ना चाह
तेरे रंग का ना भय
तेरे रूप की ना चाह
तेरे रंग का ना भय
मैंने यही कहना है, तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, मैं नहीं रुकता
रूप मेरा है कोरा दर्पण
अरे, रूप मेरा है कोरा दर्पण
कर ले इसमें अपने दर्शन
ठुकरा के ना बन अपराधी
ए, ठुकरा के ना बन अपराधी
आजा, लगा ले प्रेम समाधि
जीवन-भर ना देखी होगी
देखेगा वो शर
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
रख पास वो तू शय
तेरे काम की वो है
तेरे मत मारी है
तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, मैं नहीं रुकता
पाप छोड़ कर करले भक्ति
अरे, करले भक्ति
पाप छोड़ कर करले भक्ति
मिलेगी तेरे मन को शक्ति
छन-छन मेरी पायल थिरकी
अरे, भूल जाएगा भक्ति-वक्ति
भूल जाएगा भक्ति-वक्ति
बदन मेरा है जाम
ओ, बदन मेरा है जाम और आँखों से छलके मय
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
तेरे दिल में जो है, वो तू बकती रह
मैं भी कहूँ, तू भी कह हरि बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
मैं नहीं रुकता, नहीं-नहीं रुकता
तेरे सामने, हो, तेरे सामने जवानी खड़ी है
यही है मौक़ा, यही घड़ी है
अंग-अंग में...
अंग-अंग में आग भरी है
राम-नाम की तुझे पड़ी है
राम की जय तो सब करते
तू करले मेरी जय
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बड़ी बेशरम है, ज़रा दूर-दूर रह
मुझे यही कहना है, तू भी बोल
सिया पति रामचंद्र की जय
पवनसुत हनुमान की...
सिया पति रामचंद्र की जय
सिया पति रामचंद्र की जय
یاخا لوخته، یاخا موخته
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मेरा हुस्न है एक शगुफ़्ता
ऐसा बताऊँ नुक़्ता
प्यार में हो जाए पुख़्ता-पुख़्ता
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
बोल, क्या तेरी मर्ज़ी है?
یاخا لوخته، یاخا موخته
हो, मैं नहीं रुकता, नहीं-नहीं रुकता
یاخا لوخته, हो मैं नहीं रुकता
یاخا لوخته, नहीं-नहीं रुकता
Credits
Writer(s): Verma Malik
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