Radha

रात बढ़ती कन्धा कोठे टप्प टप्प के गाणा
तू सौखा समझे लग्गियाँ तोड़ निभाणा

रात बढ़ती कन्धा कोठे टप्प टप्प के गाणा
हो रात बढ़ती कन्धा कोठे टप्प टप्प के गाणा
तू सौखा समझे लग्गियाँ तोड़ निभाणा
तू सौखा समझे लग्गियाँ तोड़ निभाणा

ओ आशिक दिल की टशन पुराणी
कहते ज्ञानी इश्क सियापा, आग जवानी
चली गयी तो फिर आणि कुड़ी बेगानी
रहने दे जीना सीधा साधा

मैं बनी तेरी राधा
मैंने सखियों से अखियो में
रखना है तुझको पिया थोडा ज्यादा ज्यादा
मैं बनी तेरी राधा
तूने सपनो तड़पनो में रखना है
मुझको पिया थोडा ज्यादा ज्यादा
मैं बनी तेरी राधा

ऊँचे चौबारे में जाने कैसे
जून में भी कोहरा पड़े ओ पड़े
ओ ढीली चारपाई पे
युद्ध पानीपत का लडे

कह गए ज्ञानी इश्क सियापा आग जवानी
करिए ना झूठा कोई वादा

मैं बनी तेरी राधा
मैंने सखियों से अखियो में
रखना है तुझको पिया थोडा ज्यादा ज्यादा
मैं बनी तेरी राधा
तूने सपनो तड़पनो में रखना है
मुझको पिया थोडा ज्यादा, ज्यादा
मैं बनी तेरी राधा आ आ
मैं बनी बनी आ आ

अरे मन की जो बातें ना बोली थी औरों से
बोली हैं सारी वो तुमसे हाँ तुमसे ही तुमसे
अरे अब मैंने क्या लेना औरों से
प्यारी है मुझको तो यारी
जो तुमसे है तुमसे हाँ तुमसे

चल झूठी तू झूठी है
झूठी तेरी याद आणि ना रे मैनु
तेरे बाद भूलूंगा मैं तैनू

अरे मुरली में तेरी है जाने क्या जादू
सता ना लो हारी मैं तुमसे हाँ तुमसे ही तुमसे

ये कैसी खिंचा तानी है
ये इश्क सियापा, आग जवानी
मुश्किल है ये आग बुझानी
जलना पड़ेगा आधा आधा
मैं बनी तेरी राधा
मैंने सखियों से अखियो में
रखना है तुझको पिया थोडा ज्यादा, ज्यादा

मैं बनी तेरी राधा (तेरी राधा)
मैं बनी तेरी राधा
मैं बनी तेरी राधा

थोड़ा ठहर पल-भर बात मुकम्मल हो
आठों पहर दिलबर साथ मुकम्मल हो
हम तुम मिले तो
हरबार साथ मुकम्मल हो
मिलके चले तो
फिर उत्पात मुकम्मल हो
थोड़ा ठहर पल-भर बात मुकम्मल हो
आठों पहर दिलबर साथ मुकम्मल हो
हम तुम मिले तो
हरबार साथ मुकम्मल हो
मिलके चले तो
फिर उत्पात मुकम्मल हो
आपे से बाहर आजा निकल कर
तोड़े से टूटेगी मैं
मैं बनी तेरी राधा (तू बनी मेरी राधा)
मैंने सखियों से अंखियों में
रखना है तुझको पिया थोड़ा ज्यादा, ज्यादा
मैं बनी तेरी राधा
तूने सपनों तड़पनो में रखना है
मुझको पिया थोड़ा ज्यादा, ज्यादा
मैैं बनी तेरी राधा



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Irshad Kamil
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