Kabhi Jo Baadal Barse

कभी जो बादल बरसे, मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पहली बारिश की दुआ

तेरे पहलू में रह लूँ, मैं ख़ुद को "पागल" कह लूँ
तू ग़म दे या खुशियाँ, सह लूँ साथिया

कोई नहीं तेरे सिवा मेरा यहाँ
मंज़िलें हैं मेरी तो सब यहाँ

मिटा दे सभी आजा फ़ासले
मैं चाहूँ, मुझे मुझसे बाँट ले
ज़रा सा मुझमें तू झाँक ले, मैं हूँ क्या

साथिया

पहले कभी ना तूने मुझे ग़म दिया
फिर मुझे क्यूँ तनहा कर दिया?

गुज़ारे थे जो लम्हे प्यार के
हमेशा तुझे अपना मान के
तो फिर तूने बदली क्यूँ अदा?
ये क्यूँ किया? (ये क्यूँ किया?)

कभी जो बादल बरसे, मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पहली बारिश की दुआ
तेरे पहलू में रह लूँ, मैं ख़ुद को "पागल" कह लूँ
तू ग़म दे या खुशियाँ, सह लूँ साथिया (साथिया)



Credits
Writer(s): Azeem Shirazi, Turaz, Sharib-toshi
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