Kabhi Jo Baadal Barse (Female Version)

कभी जो बादल बरसे
मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पेहली बारिश की दुआ

तेरे पहलू में रेह लूँ
मैं खुद को पागल केह लूँ
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ
सेह लूँ साथिया

कोई नहीं तेरे सिवा मेरा यहाँ
मंज़िलें हैं मेरी तो सब यहाँ
मिटा दे सभी आजा फ़ासले
मैं चाहूँ मुझे मुझसे बाँट ले
ज़रा सा मुझमें तू झाँक ले
मैं हूँ क्या

ओ...
ऐ... आ...
पहले कभी ना तूने मुझे ग़म दिया
फिर मुझे क्यूँ तन्हा कर दिया
गुज़ारे थे जो लम्हें प्यार के
हमेशा तुझे अपना मान के
तो फिर तूने बदली क्यूँ अदा
ये क्यूँ किया

ओ...
कभी जो बादल बरसे
मैं देखूँ तुझे आँखें भर के
तू लगे मुझे पेहली बारिश की दुआ

तेरे पहलू में रेह लूँ
मैं खुद को पागल केह लूँ
तू ग़म दे या ख़ुशियाँ
सेह लूँ साथिया



Credits
Writer(s): Azeem Shirazi, Turaz, Sharib-toshi
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