Dhoop Ke Makaan(Acoustic)

बारिश है ख़यालों में, सब धुल जाएगा
रोशन रस्ता नया एक खुल जाएगा
बह जाएगा तिनका-तिनका कल का सिलसिला, चलो
मिल जाएगा और एक हसीन क़ाफ़िला, चलो

धूप के मकान सा ये, है सफ़र ढलान सा ये
मोड़ मेहरबान सा है ये, मोड़ मेहरबान सा है ये
धूप के मकान सा ये, है सफ़र ढलान सा ये
मोड़ मेहरबान सा है ये

कितनी ऊँची शाख़ पे खुशियों के पल
फिर भी खुशबू तोड़ ली हम ने उछल
हाँ, काँच का सामान थे और गिर गए हम
छोड़ कर खुद को बनाने फिर गए हम

दूर दरिया के किनारे ज़िंदगी करती इशारे
आसमाँ पे हैं नए तारे

धूप के मकान सा ये, है सफ़र ढलान सा ये
मोड़ मेहरबान सा, मोड़ मेहरबान सा
मोड़ मेहरबान सा है ये, मोड़ मेहरबान सा है ये
ओ, मोड़ मेहरबान सा है ये



Credits
Writer(s): Prasoon Joshi
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