Dil Dhoondhata he

दिल ढूँढता है फिर वही... (है फिर वही)
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात-दिन

उससे मनवाएँ क्या आए बस में जो नहीं?
कैसे बूझें उसको हम syllabus में जो नहीं?
बत्तीसी है तो हँस, बेबस यूँ रो नहीं
कैसे बूझें उसको हम syllabus में जो नहीं?

दिल ढूँढता है फिर वही...
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात-दिन

हो, नसीब, ये क्या किया? क्या किया?
राह भर गुमराह किया (अरे, तेरी तो कुंडली में साँप है)
मौके पे धोखा दिया, हाँ, हाँ, हाल अपना हो गया मज़ाकिया

Joker किस काम का circus में जो नहीं?
कैसे बूझें उसको हम syllabus में जो नहीं?
उससे मनवाएँ क्या आए बस में जो नहीं?
कैसे बूझें उसको हम syllabus में जो नहीं?

दिल ढूँढता है फिर वही...
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात-दिन



Credits
Writer(s): Majaal, Kanish Sharma
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